गीत

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किसे होश़ हैं कोई काश़ हैं रहता है दिल में कोई,
कोई राज़ हैं कोई साज़ हैं खिलता है दिल में कोई!

ऐ फिज़ा तु बता गुल कौन सा महकता है भला,
कोई सौंधा हैं कोई काँटा हैं चुभता है दिल में कोई!

ऐ शाम तु बता चाँद निकलता है रोज़ क्यूँ भला,
कोई जवाब हैं कोई ख्व़ाब हैं मचलता हैं दिल में कोई!

ऐ ख़ामोशीयाँ ऐ बेबसीयाँ ना करों इतना गरूर तुम,
कोई सराब़ हैं कोई चिराग़ हैं जलता है दिल में कोई!

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