किसे होश़ हैं कोई काश़ हैं रहता है दिल में कोई,
कोई राज़ हैं कोई साज़ हैं खिलता है दिल में कोई!ऐ फिज़ा तु बता गुल कौन सा महकता है भला,
कोई सौंधा हैं कोई काँटा हैं चुभता है दिल में कोई!ऐ शाम तु बता चाँद निकलता है रोज़ क्यूँ भला,
कोई जवाब हैं कोई ख्व़ाब हैं मचलता हैं दिल में कोई!ऐ ख़ामोशीयाँ ऐ बेबसीयाँ ना करों इतना गरूर तुम,
कोई सराब़ हैं कोई चिराग़ हैं जलता है दिल में कोई!
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अक़्स
Fiksi Umumwinner of "Popular Choice Awards India 2019". in ** ( Poetry: Hindi )** "अक़्स" "REFLECTION" चला जाता हूँ जहाँ जहाँ तेरा अक़्स दिखाई देता है, छुपा लूँ जमाने से मैं कितना भी जख़्म दिखाई देता है! हम अपने दोस्तों को मिलनें चलें जाये क्यूँ बताओं...