Aarju...

423 40 14
                                    

ग़म ए दिल की आरजू थी के इसे दवा मिलें कोई,
भडक जायें दिल की चिंगारी इसे हवा मिलें कोई!

आजमाया हर किसी ने सिर्फ़ मतलब की ख़ातिर,
छोड़ दूँ यह दुनिया मुन्तज़िर इसे जवाँ मिलें कोई!

हार गया हूँ मैं तो वैसा भी अब किसे गिला करूँ,
जित अगर मैं जाऊँ तो भी इसे अवाम मिलें कोई!

होश में हूँ मैं जानेमन होश शायद तुझको नहीं है,
बिख़र जाऊँ तिनका तिनका इसे धुवाँ मिलें कोई!

बदल जाऊँगा मैं अपनी राहें बेख़बर इस क़दर,
हर राहों पर हर इन्सान में इसे इमान मिलें कोई!

अक़्स Where stories live. Discover now