बस एक तुम

163 16 6
                                    

बन के आसमान बादल की तरह बरसते रहेंगे हम,
हुये जुदा अगर तो मिलने के लिए तरसते रहेंगे हम!

हर खामोशी में कर के परदा मरते रहेंगे हम,
देख कर चाँद को अब रात भर जागते रहेंगे हम!

जख़्म मिलतें हैं जमाने से अगर सहते रहेंगे हम,
बन के फूलों की तरह गुलशन में खिलते रहेंगे हम!

अगर मिलने न दिया ख़्वाबों में मिलतें रहेंगे हम,
दिल में अपने ही चिराग़ की तरह जलते रहेंगे हम!

कल देखा है किसी ने हार कर भी जीते रहेंगे हम,
पंछियों की तरह कहीं दूर से आवाज़ देते रहेंगे हम!

अक़्स Where stories live. Discover now