poetry

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कभी तो फ़िर से जिंदगी में आवो तो सही,
किया है जो वादा तुमने निभावो तो सही!

तुम जुबान से कह दो तो हम मान जायेंगे,
जुदा जुदा सा यह दिल मिलावो तो सही!

हमने ख़मोशीयों में भी आवाज़ दी हैं तुम्हें,
नाम लेकर के अंजुमन में बुलावो तो सही!

हमने उम्र भर का तुझे ख़ुदा बना लिया हैं,
तुम अपने दिल में चिराग़ जलावो तो सही!

धूप हैं सहरा हैं हर तरफ़ यह जिंदगी मेरी,
मृगतृष्णा की यह प्यास बुझावो तो सही!

हमने सोचा था जो कभी आया ही नहीं है,
सुना दो साथ मगर वक्त़ बितावो तो सही!

हमने समझ लिया है के तुम चाँद हो लेकिन,
कभी उतर कर जमीन पर आवो तो सही!


अक़्स Where stories live. Discover now