Chapter-6

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एक ओर मंजरी की कहानी फल-फूल रही थी। और दूसरी ओर श्रद्धा माई का मानस, अभी तक गुमनामी के अंधेरे में था। किंतु शायद अपनी प्यारी मां के आंचल में, अधिक लाड-प्यार,स्नेह की छाया में अधिक स्वस्थ जीवन जी रहा था। शायद अधिक सुकून भरा भी।बेशक उसे अपनी जीवन चर्या के निर्वाहन के लिए कोई परिश्रम नहीं करना पड़ रहा था। ना ही अतिरिक्त योगदान देना पड़ रहा था। एक अल्हड़ बालक का जीवन जी रहा था, किंतु उसके साथ एक इतर ही समस्या थी। सिद्धा माई उसे एक कुशल योद्धा बनाना चाहती थी। उसकी चाहत के पीछे क्या मंशा रही होगी।यह तो सिद्धा माई ही जानती थी। किंतु उसकी शिक्षा का खामियाजा भुगतना पड़ रहा था नन्हे बालक को।कभी सुबह चार बजे जग कर ही युद्ध कौशल के लिए तैयार हो जाना। और अभी बच्चे की आयु भी चार साल से अधिक न हुई थी। पर उसकी मां उसे अभी से जीवट एवं कर्मठ देखना चाहती थी।दिन पर दिन बालक निखर रहा था। अभी तो भागदौड़ का अभ्यास तैरने का अभ्यास, ऊंची-कूद का अभ्यास, जैसे सरल शारीरिक शिक्षा के अभ्यास ही कराए जा रहे थे।किंतु कुशल शिक्षकों की देखरेख में। जो प्रतिदिन आश्रम आया करते। उनका खर्चा माई उठाती थी पता नहीं कैसे,कहां से धन जुटाती,किंतु बालक भी रुचि पूर्वक भाग लेता। माई भी कभी-कभी अभ्यास के दौरान अभ्यास स्थल पर आ जाती। सूक्ष्म निरीक्षण करती सारी गतिविधियों का छिपकर।  फूली न समाती अपने दुलारे को पसीना बहाते हुए देखकर। साथ ही उसके खानपान का विशेष ध्यान रखती ताकि स्वस्थ भोजन आहार-विहार से पूर्ण ध्यान देकर युद्ध-कला को सीख सके। मानस भी पूर्ण सम्मान के साथ कौशल के नीति नियम को गौर से सुनता और अमल में लाता। उसके गुरुजन भी उसकी एकाग्रता से पूर्ण प्रसन्न थे। सप्ताहांत सारी प्रगति माई को कह सुनाते।कभी-कभी तो ऐसा लगता की माई खुद भी जैसे अपने अतीत में युद्ध कौशल की कला में पारंगत थी। मानस के शिक्षकों को समय-समय पर अन्य अन्यान्य सलाह भी देती रहती।  अगर कहीं कोई त्रुटि लगती।तो टोक भी देती माई ने उन्हें पूरी छूट दे रखी थी, कि वह कभी भी मानस को सिखाने के लिए अभ्यास के दौरान झड़क भी सकते थे।  हल्का फुल्का डांट भी सकते थे। एक चीज की सख्त मनाही थी कि कुछ भी हो जाए मानस पर कोई हाथ नहीं उठा सकता। इसके पीछे क्या सिद्धा माई का प्यार भर था या कुछ और.......... जानने के लिए पढ़िए। मानस-मंजरी एक प्रेम कथा का अगला अंक #dranjulasharma

मानस मंजरी एक प्रेम कथाWhere stories live. Discover now