उस जंगल मेँ जहाँ वह शरारती जानवर रहता था उस शरारती और दूसरोँ को परेशान करने वाला जानवर जिसका नाम मोहन प्यारे था वह अब तक काफी सुधर चुका था हाथियो के डराने के बाद
अब तक आप सभी यही सोच रहे होंगे की जंगल का क्या नाम है और वह जानवर कौन है जो शरारते या दूसरोँ को परेशान करता था साथ हिं वह क्या क्या शरारते करके दूसरोँ को परेशान करता था
दरअसल वह एक बंदर था जोकि सारे जंगल के जानवरो के जरुरी सामान को कही छुपाकर उनको परेशान करता था
जंगल के जानवर उसके इस आदत से परेशान होकर ही हाथियो से मदद करने की निवेदन किया था जिसके फलस्वरुप हाथियो ने उस मोहन प्यारे बंदर को सबक सिखाया काफी डराया और आखिर मेँ सुधारा
वह सभी जानवर इंसाफ नगर के जंगलोँ मेँ रहते थे इस जंगल मेँ उद्यम बंदरोँ का एक टोली था टोली का मुखिया काफी रोबदार पर भुलक्कड मुखिया था
वह अपने कहे बातोँ को कुछ देर बाद भूल जाता था
एक दिन वह अपने टोली के साथ मन्नू बकरी के घर चोरी के मकसद से गए
वह पीछे के दरवाजे से अंदर घर मे आए और कुछ देर बाद ही मुखिया बोलने लगा हम हम घर मेँ क्या कर रहे हैँ
लगता है हम कुछ भूल रहे हैँ यह सुनते ही टोली के सभी जानवर सभी बंदर जोर जोर से हंसने लगे और अपने मुखिया को कहने लगे जनाब हम घर मेँ चोरी के मकसद से आए है और आप हमेशा की तरह इस बार भी अपने मकसद को भूल गए
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Janwaro ki khata (जानवरो की कथा)
Short Storyजंगल मेँ प्यारे जानवर के साथ कुछ बदमाश जानवर भी रहते हैँ यह कहानी जानवरो को इंसानी जजबातो के साथ दर्शाया गया है, एक छोटा सा जंगल था जंगल मेँ सभी जानवर मिल जुल कर रहा करते थे उनके बीच मेँ एक ऐसा भी जानवर था जो काफी धूम मचाया करता था उसके धूम से काफ...