एक ज़माना था जनाब
जब हम भी सिर्फ reader हुआ करते थे
आज कल तो पता नहीं क्या क्या बने फिरते है।
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क्योंकि हिन्दी में कुछ बात है...
Poetryमेरी और मेरे दोस्तों ने लिखी हुई कुछ हिन्दी पंक्तियाँ
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एक ज़माना था जनाब
जब हम भी सिर्फ reader हुआ करते थे
आज कल तो पता नहीं क्या क्या बने फिरते है।