हवा भी अपना रुख बदलती है
वक्त भी जैसा हो ज़रूर बदलता है
खामोशी की भी अपनी ही एक ज़ुबान है
हमे तो शब्दों में भी बयाँ करने से डर लगता है
गम बांटना चाहते तो है हम
मगर आपकी मुस्कुराहट छीनना हमें मंजूर नहीं।~ vanuSh99
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क्योंकि हिन्दी में कुछ बात है...
Poetryमेरी और मेरे दोस्तों ने लिखी हुई कुछ हिन्दी पंक्तियाँ
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हवा भी अपना रुख बदलती है
वक्त भी जैसा हो ज़रूर बदलता है
खामोशी की भी अपनी ही एक ज़ुबान है
हमे तो शब्दों में भी बयाँ करने से डर लगता है
गम बांटना चाहते तो है हम
मगर आपकी मुस्कुराहट छीनना हमें मंजूर नहीं।~ vanuSh99