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मैं तुम्हारा गुलाब तो नहीं,
मगर तुम मेरा काटा बन जाओ,
चुभ भी गए तो कोई गम नहीं,
उस दर्द को मिटाने फिर तुम चले आओ।

क्योंकि हिन्दी में कुछ बात है...Où les histoires vivent. Découvrez maintenant