Asmbhav - The Mystery of Unkn...

BTalekar द्वारा

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#1 in Paranormal #1 in Ghost #1 in Indian Author #1 in Thriller #WattpadIndiaAwards2019 #RisingStarAward 20... अधिक

Author's Note
Prologue And Characterization
Chapter 1 - Palak
Chapter 2 - Palak (Part 1)
Chapter 2 - Palak (Part 2)
Chapter 3 - Palak (Part 1)
Chapter 3 - Palak (Part 2)
Chapter 4 - Palak (Part 1)
Chapter 4 - Palak (Part 2)
Chapter 5 - Palak (Part 1)
Chapter 5 - Palak (Part 2)
Chapter 6 - Palak
Chapter 7 - Pakal (Part 1)
Chapter 7 - Palak (Part 2)
Chapter 7 - Palak (Part 3)
Chapter 8 - Palak
Chapter 9 - Palak (Part 1)
Chapter 9 - Palak (Part 2)
Chapter 10 - Palak (Part 1)
Chapter 10 - Palak (Part 2)
Chapter 11 - Chandra (Part 1)
Chapter 11 - Chandra (Part 2)
Chapter 12 - Palak (part 1)
Chapter 12 - Palaka (part 2)
Special Announcement
Chapter 13 - Chandra (part 1)
Chapter 13 - Chandra (part 2)
Chapter 14 - Palak (part 1)
Chapter 15 - Chandra (part 1)
Chapter 15 - Chandra (part 2)
Chapter 16 - Palak (part 1)
Chapter 16 - Palak (part 2)
Chapter 16 - Palak (part 3)
Chapter 16 - Palak (part 4)
Chapter 16 - Palak (part 5)
Chapter 17 - Chandra (part 1)
Chapter 17 - Chandra (part 2)
Chapter 18 - Palak (part 1)
Chapter 18 - Palak (part 2)
Chapter 19 - Chandra (part 1)
Chapter 19 - Chandra (part 2)
Chapter 20 - Palak
Chapter 21 - Chandra ( part 1)
Chapter 21 - Chandra (part 2)
Chapter 21 - Chandra (part 3)
Chapter 22 - Palak. (Part 1)
Chapter 22 - Palak (part 2)
Chapter 22 - Palak (part 3)
Chapter 23 - Chandra (part 1)
Chapter 23 - Chandra (part 2)
Chapter 23 - Chandra (part 3)
Chapter 24.. Palak (part 1)
Chapter 24 - Palak (part 2)
Chapter 24 - Palak (Part 3)
Chapter 25 - Chandra (part 1)
Chapter 25 - Chandra (part 2)
Chapter 25 - Chandra (part 3)
Chapter 25 - Chandra (Part 4)
Chapter 25 - Chandra (part 5)
Chapter 26 - Palak (Part 1)
Chapter 26 - Palak (Part 2)

Chapter 14 - Palak (part 2)

227 18 8
BTalekar द्वारा

मंगलवार,
सुबह 9:00 बजे ।
रोज़ की तरह आज भी मैं और सलोनी ऑफ़िस जल्दी पहुँच चुके थे । और उस वक़्त मैं अपनी डेस्क पर बैठकर अपना काम कर रही थी ।
लेकिन अब, मैं.. पहले से काफ़ी अच्छा महसूस करने लगी थी । चंद्र के साथ हुए उन ख़ौफ़नाक हादसे के बारे में जानकर मुझे बहुत दुःख हो रहा था । मुझे उसके लिए अफ़सोस हो रहा था । और मैं चंद्र की तकलीफ अच्छी तरह समझ सकती थी । अपने साथ हुए हादसे के बाद एक चंद्र ही था, जिससे मैं.. खुलकर बात कर पायी थी । उससे बात करते हुए मेरी मायूसी दूर होती जा रही थी । मुझमें जीने की नयी उम्मीद जगने लगी थी, जो मेरे लिये बहुत बड़ी बात थी ।
शायद ऐसा पहली बार हो रहा था कि किसी आत्मा; किसी भूत ने एक ज़िदा इन्सान को जीना सिखाया था । मगर मुझे इस बात का सुकून था कि मैं.. चंद्र से मिल पाई थी ।
अपने काम के बीच अचानक, "हेय..! पलक, क्या बात है ? मैं तुम्हें उस दिन से नोटिस कर रहा हूँ, जब तुम स्टोर-रूम के पास बेहोश हो गयी थी ।" आर्या मेरे पास आकर, "उस दिन तुम बहुत ही ज़्यादा परेशान और डरी हुई थी ।" मेरे साथ वाली कुर्सी पर बैठ गया, "लेकिन मुझे लगता है उस दिन के बाद तुम्हारी परेशानी कुछ कम हो गयी है ।" और उसने मुस्कुराते हुए कहा । लेकिन मेरे पास उसकी बातों का कोई जवाब नहीं था ।
"हाँ, शायद ।" मैंने सच छुपाते हुए धीरे से जवाब दिया ।
"इट्स ओके । तुम्हे इस बारे में वॉरीड़ होने की ज़रुरत नहीं ।" मेरी तरफ़ देखकर, "वैसे तुम्हारे अंदर ये चेन्ज देखकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ।" आर्या ने फ़िर मुस्कुराते हुए कहा ।
"हाँ, तो । आख़िर पलक दोस्त है किसकी ! सलोनी दोषी की ।" मेरे पीछे से आते ही, "उसकी परेशानी कम तो होनी ही थी ।" सलोनी ने अपनी शरारती मुस्कान के साथ कहा ।
और सलोनी को वहाँ पाते ही मेरी उलझन कुछ कम हो गयी ।
सलोनी की तरफ़ देखकर, "हाँ, वो तो है । इसी लिये तो मैं पलक को लेकर काफ़ी परेशान था । कहीं तुम इसे भी अपनी तरह पागल ना बना दो ।" आर्या ने मज़ाक़ में हँसते हुए कहा ।
"हंहम..! वेरी फनी । चलो अच्छा है कमसे कम मेरे पास अपना दिमाग़ तो है, पागल ही सही ।" आर्या को चिढ़ाते हुए, "तुम्हारी तरह मुझे किसी औ़र का दिमाग़ रेन्ट पर नहीं लेना पड़ता ।" सलोनी ने मज़ाक़ में कहा । और वो दोनों एक - दूसरे की बातें सुनकर हँसने लगे ।
आर्या की बातों ने मुझे अजीब सी उलझन में डाल दिया था । पर मुझे उससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा । लेकिन सलोनी की बेतूकी बातें मेरे चेहरे पर हल्की - सी मुस्कान ले ही आयी ।
"ओ.. तो कितना रेन्ट हुआ दो दिनों का मीस. सलोनी दोषी ? मुझे तुम्हे पेयमेन्ट जो करनी है ।" आर्या ने सलोनी को चीढ़ाते हुए मज़ाक़ में कहा ।
"हंमम..! क्या मतलब है तुम्हारा..? तुम्हे लगता है मेरा दिमाग़ तुम्हारे पास है !" सलोनी ने चिड़ते हुए दौहराया ।
"हाँ, बिल्कुल ।" कहते हुए आर्या अचानक ख़ामोश हो गया, "और हाँ, मैं तुम्हें एक ज़रूरी बात बताना तो भूल ही गया । असल में, मैडम ने हमें अपनी कैबिन में बुलाया है ।" और अगले ही पल मेरी तरफ़ देखकर परेशान होकर कहा ।
"क्या..! और ये बात तुम हमें अब बता रहे हो, इतनी आल्तू-फाल्तू बकवास करने के बाद ! पागल कहीं के ।" आर्या को डांटते ही, "चलों कोई बात नहीं अब तुम पहले जाकर मैडम से मिल लों । हम बाद में बात करेंगे ।" सलोनी ने मेरी तरफ़ मुड़कर हड़बड़ाहट में कहा ।
उसके बाद मैं और आर्या तेज़ी से मैडम के पास पहुँचें ।
मैडम के कैबिन का दरवाज़ा खोलते ही, "एक्स क्यूज़ मी, मे'म । आपने हमें.." आर्या ने सहमति मांगी ।
हमें देखते ही, "हाँ, मैंने ही तुम दोनों को बुलाया था । कम सीट ।" मे'म ने हल्की - सी मुस्कुराहट के साथ कहा ।
अपना चश्मा चढ़ाते हुए, "असल में, तुम्हारा काम देखकर हमारी कंपनी ने तुम्हें एक और ख़ास प्रोजेक्ट में शामिल करने का फैसला किया है ।" मे'म ने, "हम स्पेशियली टीनएजर्स और यन्गस्टर्स के लिए मार्केट में एक नयी मेगज़ीन लोन्च करने की सोच रहें हैं । और हम चाहतें हैं कि तुम दोनों इस प्रोजेक्ट पर काम करों ।" मेरी और आर्या की तरफ़ देखकर मुस्कुराते हुए कहा ।
मे'म की बात सुनते ही, "ओ..! वॉव..! इट्स अ ग्रेट न्यूज़ । कोन्ग्रेट्चुलेसन्स..! पलक ।" आर्या ने काफ़ी एक्साईटेड होकर अचानक मेरा हाथ पकड़ लिया ।
लेकिन आर्या की इस हरकत से हैरान होकर उसे घूरते ही उसने घबराकर मेरा हाथ छोड़ दिया ।
मे'म की तरफ़ देखते ही, "अंम.. थ.. थेन्क यू, मे'म । हमें इतनी बड़ी रिसपोन्सिब्लिटि देने के लिये ।" आर्या ने हड़बड़ाते हुए कहा ।
"थेन्क यू, मे'म मुझ पर भरोसा करने के लिये । ले..किन मुझे लगता है ये ऑपोर्चुनिटी पहले सलोनी को मिलनी चाहिए ।" अपनी बात मैडम के सामने रखते हुए, "क्योंकि वो मेरी सीनियर है । मैंने जो कुछ भी सिखा है वो सब मैं सलोनी से ही सिखा पायी हूँ । और वो मुझसे भी पहले इस साईन ऑफ़ इन्ड़िया की मेम्बर है ।" मैंने हिचकिचाते हुए धीरे से कहा ।
"तुम सही हो, पलक । और मैं इस बारें में बाकी मेम्बर्स से बात करूँगी । उसे ये ऑपोर्चुनिटी ज़रूर मिलेगी । लेकिन एक शर्त पर । तुम भी इस रिसपोन्सिब्लिटि से पीछे नहीं हट सकती ।" मैडम ने मेरी बात से सहमत होकर यक़ीन से कहा ।
"जैसा आप चाहे । थेन्क यू, मे'म ।" उनकी तरफ़ देखकर, "मैं इस प्रोजेक्ट को कामयाब बनाने में अपनी पूरी कोशिश करूँगी ।" मैंने हल्की - सी मुस्कुराहट के साथ कहा ।
"और मैं भी अपनी पूरी कोशिश करुँगा ।" आर्या ने मेरी तरफ़ देखकर मुस्कुराकर कहते हुए, "इ..इस प्रोजेक्ट को सक्सेसफूल करने में ।" अचानक हड़बड़ाहट में मे'म की तरफ़ देखा ।
आर्या का ये अजीब - सा बर्ताव मेरी समझ के बाहर था । लेकिन मैं उससे जितना दूर रहूँ वही मेरे लिये अच्छा था । इसलिये मे'म के साथ हमारी बातें ख़त्म होते ही मैं जल्दबाज़ी में वहां से बाहर अपनी डेस्क पर लौट आयी ।
मेरे वहाँ पहुँचते ही, "हेय..! पलक, बताओ ना अंदर क्या हुआ । मुझे फ़िक्र हो रही है ।" सलोनी ने काफ़ी बेसब्र होकर उतावलेपन में सवाल किया ।
सलोनी की तरफ़ देखकर, "असल में, हमारी कंपनी एक नयी मेगज़ीन लोन्च करने जा रही है । और मे'म ने हमें उसी सिलसिले में बात करने के लिये बुलाया था ।" मैंने जवाब देते हुए धीरे से कहा । लेकिन मैं ख़ुद के इस प्रोजेक्ट में शामिल की बात सलोनी से नहीं कहे पायी । उस वक्त मैं अपनी बात बताकर सलोनी को उदास नहीं करना चाहती थी । और मैं ये उसे तब तक नहीं बता सकती थी, जब तक कि सलोनी को इस प्रोजेक्ट में शामिल करने वाली बात तैय ना हो जाए ।
"अरे वाह..! ये तो बहुत ही बढ़िया है ।" "वैसे क्या मैडम ने बताया कि इस नयी मेगज़ीन की थीम क्या है ?" सलोनी ने खुशी से मुस्कुराते हुए जल्दबाज़ी में सवाल किया ।
"हाँ, ये मेगज़ीन स्पेशियली टीनएजर्स और यन्गस्टर्स के लिए है ।" मैंने जवाब देते हुए कहा ।
एक्साईटेड और उतावलेपन में, "ओ..! ग्रेट । ये तो औऱ भी ऑसम न्यूज़ है । औऱ क्या कहा उन्होंने ?" सलोनी के कभी ना रुकनेवाले सवाल अब भी जारी थे ।
अपनी उलझनों के बीच, "न..नहीं, अभी कुछ ठिक से डिसाईड नहीं हुआ । ल.. लेकिन मे'म हमें जल्दी ही बताएंगी ।" मैंने सच छुपाते हुए हल्की हिचकिचाहट के साथ धीरे से कहा ।
सलोनी की बेसब्री देखकर, "अ.. सलोनी हम बाद में बात करते हैं । अभी मुझे अपना काम पूरा करना है ।" मैंने बात को पलट दिया ।
उसके बाद बिना कुछ सुने मैं.. तुरंत अपने काम में जुट गयी ।
मैं नहीं चाहती थी कि इस वक्त सलोनी को इस बात का पता चले और उसका दील दुःखे । मैं उसे किसी भी तरह का दुःख पहुँचा नहीं चाहती थी । और इसी लिए मैं खामोशी से अपने काम में जुट गई ।
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐
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