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और कितनी बार टूटना होगा मुझे
मजहब तुमसे जुड़ने के लिए
या अब शायद कोई रास्ता नहीं
सिवा रास्तों को मोड़ने के

Musafir Ki Awajजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें