आसन नहीं होता है सफर संस्कृत के गुरु बनने का
अध्ययन करना पड़ता है संस्कृत के हर शब्द का।क्या हुआ कोई गुरु मुस्लिम है तो
ज्ञान नहीं देखता धर्म किसी का ।मत करो विरोध उन गुरु का
जो अन्य धर्म से होकर भी ज्ञान अर्जित किया देव भाषा संस्कृत का ।
मत रोको प्रचार प्रसार संस्कृत का
एक मोका दो अन्य धर्म के गुरु को संस्कृत पढ़ाने का।अगर इतना ही विरोध है अन्य धर्म के गुरु से संस्कृत पढ़ने का
तो क्यू नहीं किया रसखान के द्वारा श्री कृष्ण के बाल चित्रण कातो क्यू नहीं किया विरोध मुन्शी प्रेमचन्द के द्वारा रचित ईदगाह पढ़ने का।
मिला होगा उन गुरु को वरदान माँ सरस्वती का
ऐसे ही नहीं होता कोई विद्वान संस्कृत का ।By Leela Choudhary
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