सुनहरी सुनहरी धूप खिली है
राखियों से सजी दुकान दिखी है
राखी की धुन हर जगह छायी है
बहन भाई का झगडा भुला आयी है ।रेशम के धागों से रंगबिरंगी राखी बनी है
बहन के प्यार की खुशबू हर राखी में बसी है।हर आँख खुशियों से झिलमिलाई है
भाई-बहन की तकरार जब याद आई है ।
भाई की कलाई राखी से सजाई है
उसके कर्तव्य की याद बहन ने दिलाई है ।