इतना मत सता ए- जिन्दगी
मैं भी अपनों के कलेजे का हिस्सा हूँ ।
मत सोचना बहुत कुछ छिना मुझसे तो मैं उदास हूँ
न मैं उदास हूँ न मैं हताश हूँ
जो है मेरे पास उसी में खुशहाल हूँ।जो छिना तुने मुझसे, न एहसास है न आभास है मुझे।
इतना प्यार करने वाला परिवार मिला है मुझे।
नहीं होने दिया माँ की कमी का आभास
इतना प्यार करने वाले भाई हैं मेरे पास ।पर एक बार हुआ यह आभास
कि माँ नहीं है मेरे पास ।
जब भाई को जाना पडा पढाई करने बाहर
तब एहसास हुआ आज तो दो इंसान नहीं है मेरे पास।कभी आँखों से आँसू नहीं टपके
वहीं आँखें आज बरसात बनके बरसे ।तब रात को सपना आया
सपने में माँ को मैंने पाया
सुबह उठी तो कलम पर नजर पडीं
सपने में माँ कविता मैंने लिखी।