समझदारी मे वो सुकून कहाँ जो बचपने में हैमोहब्बत में वो जुनून कहाँ जो आशिकी में है
तुम्हें पसंद है कोई और ये हम जानते हैं
लेकिन तुम्हारी पसंद मे वो बात कहाँ जो हमारी पसंद में है
YOU ARE READING
💞अनकही बातें 💞
Poetryसोच हो तो कुछ शब्दों में ज़ाहिर कर दू.. मेरे ख्याल हैं जनाब लफ़्ज़ों के मोहताज़ कैसे हो सकते हैं