सोचती हूँ कि क्या लिखूँइस कोरे पन्ने पर आज कौन सा दर्द उतारू
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💞अनकही बातें 💞
Poetryसोच हो तो कुछ शब्दों में ज़ाहिर कर दू.. मेरे ख्याल हैं जनाब लफ़्ज़ों के मोहताज़ कैसे हो सकते हैं
(21) - सोचती हूँ
सोचती हूँ कि क्या लिखूँइस कोरे पन्ने पर आज कौन सा दर्द उतारू