"क्या कभी कोई आएगा"

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हम आजतक कभी रूठे नही किसी से
जानते हैं हमें कोई  मनाने  नही आएगा

ठीक है कह देते है कभी गर  कोई हाल पूछे  तो
मालूम है "मैं हूँ ना" शब्द किसी के  मुंह से नही आएगा

चेहरे पर मुस्कुराहट का मुखौटा पहना हुआ है
जानते है कि कोई ये नकाब उतारने नही आएगा

Dialling number की list हमारी ही लम्बी है
क्योंकि पता है incoming call में हमारा chance नही आएगा

चेहरे पर शान्त-सा स्वभाव लिए बैठे है
ये विचारों का तूफां कभी कोई देख नही पायेगा

अगर कभी बिखर भी जाए तो खुद ही जोड़ देते हैं हम  टुकड़ों को
क्योंके जोड़ने वाला वो दूसरा हाथ कभी नही आएगा

आज भी अपने बातों को हम diary में ही लिखा करते हैं
आखिर "अनकही" सुनने वाला दोस्त हमें कहाँ मिल पायेगा

W_O_R_D_SWhere stories live. Discover now