डर से रहें हम नीडर

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डरना नहीं तुम, वीर जवानों
डर को पार कर जीत है।
डर के आँखों में आँख डालो तो
देखोगे डर भयभीत है।

जब जब भ मानव जाती को
वश में किया है भय,
एक से एक बब्बर शेर भी
ढेर होते गय, हाय।

डर से जीना शुरु हमारा
डर के साथ ही चलतें हम।
डर परास्थ न कर सके हमें
जब तक हम न तोड़ दें दम।

खतरों को कंधे पे उठाकर
हमारा जीना, मरना, खेलना।
डर से हमें मूँह छिपाना नहीं
डर को हमें है झेलना।

आज लड़ें तो कल मरें
मृत्यु से क्या डर
जाना तो है सबको वही
परमेश्वर के घर।

मौत से न डर जवान
मौत ही तो जीत है।
वीर मरतें है हँसते-खेलते
जब दुनिया भयभीत है।

एक बार डर को लाँघ लिया जो
वही कहलाता वीर है।
मानव जाती के मन में तो
अमर उसकी तस्वीर है।

आज लड़ेंगे, कल मरेंगे
मगर रहेंगे हम जिधर,
बस डर को हम डराना सीखें
और डर से रहें हम नीडर।

~ Ricky _001

डर से रहें हम नीडरWhere stories live. Discover now