page 1

689 10 0
                                    

आज बादलगढ के एक रेस्टोरेंट में किसी खुशी के मौके पर  एक पार्टी चल रही है। दरअसल, यह पार्टी एक नेता जी ओ.पी. सिंह  ने दी हुई है । उनकी जान पहचान काफी दूर तक है और क्षेत्र  का ज्यादातर जन समर्थन भी उन्हें हासिल है जिसकी वजह से  पार्टी में कई बडी हस्तियों ने भी शिरकत की है। नेता जी के करीबियों में उनके सबसे खास मित्र  एल.पी. सिंह और उनकी बेटी साक्षी भी, जो इण्टरमीडिएट की स्टूडेन्ट है ,आई हुई है।

साक्षी ने अभी तक जितना भी ओ.पी. सिंह के बारे में सुना है उसके आधार पर वह उनसे नफरत करती है। साक्षी के मन में एक धारणा बन चुकी है कि सारे नेता एक जैसे ही होते हैं जो जनता के पैसों पर ऐश करते हैं, अपनी झूठी शान और दिखावे के आगे देश और क्षेत्र के विकास को तवज्जो नही देते है तथा औरतों को महज खिलौना समझते हैं।साक्षी अपनी एक सहेली के साथ बात कर रही है।उसकी सहेली ने मजाकिया लहजे में कहा ," यार नेता जी ने पार्टी तो बहुत मस्त दी है काफी खर्च हुआ होगा, है न ?"

साक्षी मुस्कुराते हुए बोली ," हाँ, खर्च तो हुआ ही होगा पर कौन सा अपनी जेब से देना है सरकारी पैसा है जितना मन हो उतना उडाएं।" सहेली बोली," हाँ यार वह तो है ही।पर सुना है (चुटकी काटते हुए) नेता जी बडे रसिक इंसान हैं जो लडकी उन्हें पसन्द आ जाती है उसे वह हर हाल में हासिल करते हैं। इस पार्टी में सबसे खूबसूरत तो तुम ही हो इसलिए बच के रहना।"

साज़िशजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें