हालातों के साए में,
बदल चुके हैं हम।
वक्त के साथ-साथ,
ढल चुके हैं हम।
तन्हाई जो बसी है दिल में,
इसे रोज़ सहते हैं हम।
यह तड़प नहीं तो और क्या है,
जो खुद को आईने में ढूंढते हैं हम।जिद्द को अपनी त्याग कर,
ख़ामोश रहना सीख चुके हैं हम।
दिल में अपना दर्द छिपाए,
मुस्कुराकर चलना सीख चुके हैं हम।
हमारा वो हाल बयां करती हैं ये आंखें,
जो किसी से नहीं कहते हैं हम।
यह तड़प नहीं तो और क्या है,
जो खुद को आईने में ढूंढते हैं हम।।~Simran
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Khwahishein
PoetryThis book is filled with poems, shayaris and some quotes that are written by me. ( Only Hindi ) I need your support and love 🌷✨