पिंजरे [ an hindi poetry ]

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Poetry 25

पिंजरे

कहते हैं समय के साथ बदलना सीखो
मैं बदला नहीं समय ने मुझे बदल दिया

कहते हैं वक्त के साथ चलना सीखो
मैं चला नहीं समय ने चलना सिखाया

कहते हैं उड़ने का शोक रखो तो कोई भी मुकाम छू सकता है
गैरो ने ये सुनकर पिंजरा बनादिया |

Moonish Love-[Poetries]Where stories live. Discover now