SHABD [ AN HINDI POETRY ]

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POETRY 8

SHABD

शब्द पड़े काम लिखे तेरे बारे में

इतनी तारीफ़ के तारे भी ख़त्म करके गिनाने में

ख्वाहिशों में दबी हो जैसा मन्नत हो तुम मेरी

मंगू हर रोज़ जैसा कोई जन्नत हो सुनहरी

बातें हैं ये अधूरी नज़रें कब होंगी ये पूरी

बात करने का है मन पर ना करने की मजबूरी

आँखे देख ये समझलू बात कहना क्या चाहती हो पर ये तो तुम बता दो कि तुम किस जुबा में राजी हो

के तुझको पाने के लिए मैं हर मंज़िल को छू जाऊंगा

तू आज मिले या कल मैं यहीं सदियों तक रुक जाऊंगा

Moonish Love-[Poetries]Where stories live. Discover now