माँ तू बस कर अब
कितना लोगो से लड़ेगी तू
कितना मेरा करेगी तू
कितना सब सहगी तू
कितनी ज़िमेदरिया उठायगी तूमाँ तू बस कर अब
में अब बड़ी हो गई हूं
अपना ध्यान रख सकती हूं
कब तक मेरी रक्षा करेगी तू
कब तक मेरी इतनी परवाह करेगी तूमाँ तू अब बस कर
कब तक रसोई मैं खाना बनाओगी
कब तक अपना पसीना बहाओगी
और कितनी मेहनत करोगी यार
थकते नहीं क्या तुममाँ तू अब बस कर
अपनी जिंदगी कब जियोगी
गैरों की परवाह कब तक करोगी
कब तक छिपकर आसू बहाओगी
कब तक हर मुश्किल से अकेला तकराओगीमाँ तू अब बस कर
अपनी मुस्कुराहटों में कब तक अपना ज़खम छुपाओगी
अपना डर कब तक नहीं बातओगी
तुम खुश रहो बस ये चाहती हूं मैं
तुम्हारा साथ जिंदगी भर रहे यही एक ख्वाहिश बताती हूं मैं
तुमसे प्यार मरते दम तक करुंगी यह वादा है
वो क्या ह न तुम्हारा struggle थोड़ा ज़यादा है
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Love you mom ❤️
— Tanisha Sharma
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Poetry(Hindi)
PoetryThese are my self written poems ❤️ All these poems are close to my heart..as I have described my genuine feelings in words...open to suggestions__if any let me know 😊❤️🥰