चैप्टर ४

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माया विडिओ में देखती है की कई सारे भेड़ियें एक बड़े, सफेद भेड़िए के चारों तरफ एक झुंड बनाकर खड़े हैं। उस सेंटर में खड़े भेड़िए के माथे पर एक काले रंग का क्रेसेंट बना था। वीडियो में कुछ देर बाद उस सफेद भेड़िए के अलावा बाकी सारे भेड़िएं देखते ही देखते इंसान बन जाते हैं। इसके बाद वीडियो खत्म हो जाती है।

माया(खुदसे)- ये क्या? सच में क्या ये सब हुआ था? मतलब वो सब सच में हैं? और हमारें ही बीच में रहते हैं।

माया अभी भी अचंभे में थी। वो यही सोच रही थी कि इसके बारे में वो किस से पूंछे? रात बहुत हो गई थी। माया घबराते हुए जैसे-तैसे सो गई।

माया सुबह उठकर कॉलेज जाने के लिए तैयार होती है। उस दिन माया काफ़ी परेशान थी उस वीडियो को लेकर। उसे किसी न किसी को बताना था वो सब। पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा कौन है?

माया पहले अनिका से सारी बातें शेयर करती थी। मगर अब अनिका उससे क्या, किसी से भी बात नहीं करती थी। पापा ही एक ऐसे थे जो यहीं के थे और वो इस सब के बारे में कुछ न कुछ जानते भी थे। माया को वोही कुछ बता सकते थे। लेकिन उनसे ये बात पूंछती तो अजीब लगता। तो अंत में माया को बस एक ही नाम ध्यान में आया। उसे दीप्ती को ही इस सब के बारें में बताना ठीक लगा।

माया अकेली ही बाहर आ जाती है घर के। उस दिन अनिका की तबियत ठीक नहीं होती तो वो कॉलेज न जाना ही ठीक समझती है। बाहर आकर माया दीप्ती का वेट करती है। कुछ देर बाद दीप्ती वहां आ जाती है। माया सारी बातें उसे बता देती है। माया की बात सुनकर दीप्ती ठहाके मारकर हंसने लग जाती है।

दीप्ती- यार तू भी ना। लगता है तू टीवी सीरियल्स कुछ ज्यादा ही देखने लग गई है। मेरा परिवार कितने सालों से यहीं रह रहा है। ना उन्होंने कुछ ऐसा देखा ना मैंने।

माया- डी... मैं सच कह रही हूं। तू ही सोच उस प्ले में भी तो इन सबके बारे में बताया है। और फिर कैमरा की रिकॉर्डिंग भी तो है।

दीप्ती- वो प्ले तो पता नहीं किस सरफिरे ने लिखा है और वो सब फिक्शन ही है। रही बात तेरे चार्ली की तो, तुझे तो पता ही है वो किस हालत में मिला था हमें। हो सकता है के कुछ ग्लिच आ गया हो और दो रिकॉर्डिंग मर्ज हो गईं हों। तुझे उन्हें देखकर लगा होगा कि भेड़िए इंसान बन गए। चिल मार, ये सब कुछ नहीं होता।

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