देश और समाज में सब कुछ अच्छा चल रहा है, सिनेमा सिर्फ उतना दिखाने भर का माध्यम नहीं है. कई दफा ऐसा होता है कि आप कुछ देखते हैं, सोचते हैं, विचलित होते हैं. कुछ चीजें आपको इतना विचलित कर देती हैं कि आप उसकी कहानी दूसरों को सुनाना चाहते हो. ये जगह तो सरकार छीनती जा रही है. सरकार देश को सुधारे, वह सिनेमा को क्यों सुधारना चाह रही है? सिनेमा के अंदर देश की जो छवि दिखाई जाती है उसे वह क्यों सुधारने में लगी है? इससे कुछ नहीं होने वाला. ये झूठ होगा. ये सच होता तो उत्तर कोरिया विश्व का सबसे अच्छा देश होता. उन्हें कुछ मालूम ही नहीं कि उनके देश में क्या दिक्कतें हैं. एक ऐसा समाज क्यों बनाना चाहते हो जो भ्रम में रहता हो, जिसका सच्चाई से कोई वास्ता ही नहीं है. आप अच्छी दुनिया बनाओ तो हम अच्छी-अच्छी फिल्में बनाना शुरू कर देंगे, जिसमें सब कुछ अच्छा-अच्छा ही होगा.