एक अधेड़ उम्र का आदमी जो अपने पिताजी के पुराने रेडियो से बहुत प्यार करता है, अपने अतीत के बारे में ख़ुद से बात कर रहा है। उसके मन में बहुत सी बातें चल रही है। जिंदगी के कड़वे अनुभवों से गुज़रने के साथ-साथ अकेलेपन से जूझते हुए वो ख़ुद को कल्पना और यथार्थ के बीच खड़ा पाता है। जहाँ से उसका निकल पाना अब बहुत मुश्किल है।