#1अधूरे से हमoleh sanket kumar9701प्रेम और समाज की कट्टरता कोई नहीं बात नहीं है। ना जाने कितने ही प्रेम कथाओं के सुखद अंत को, समाज के रूढ़िवादी सोंच ने दुखद अंत में परिवर्तित किया है। क्या आदया की मोहबत्त...greengfheartbreak+22 lagi