दोस्ती

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ये दोस्ती बनी है ऐसे हालातों में,
जब ज़िंदगी बिखर गई थी किसी के हाथों में,

ना जीने की तमन्ना थी,
ना मरने का ग़म था,
बस था कुछ,
तो वो तुझे खोने का डर था,

सूनी सूनी सी थी ज़िंदगी,
तूने उसको सुहाना बानाया,
जब तूने जश्न-ए-दोस्ती का जाम,
मुझको था उस दिन पिलाया,
जी उठे थे एक बार फिर से,
जब तेरी दोस्ती का जाम होठों  से लगाया,
वो जाम भी क्या जाम था,
जिसका कोई दाम न था,

उस जाम में भी क्या नशा था,
जिसने मुझे शायर बानाया,
पत्थर बने दिल को उसने,
फिर से एक बार मोम बानाया,

आज जो भी हूँ,
वो सब तेरी बदौलत मेरे दोस्त,
ज़िंदगी तो मैं जी रहा हूँ,
पर उसे कर रहा है तू होस्ट,

प्यारा सा एहसास है तू,
ज़िन्दगी की राह है तू,
मुश्किल हालात में मेरे साथ है तू,
जो कभी ना टूटे वो आस है तू,
हर पल हर वक़्त मेरे साथ है तू,
मेरे जीने की आस है तू,

ये दोस्ती बनी है ऐसे हालातों में,
जब ज़िंदगी बिखर गई थी किसी के हाथों में,
जब ज़िंदगी बिखर गई थी किसी के हाथों में..!

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