न तो मैं दरवाजे पर कोई मिर्ची नींबू टांगता हूँ
न ही मैं बाजू में कोई गंड़ा तावीज बांधता हूँ
कुछ तो है मुझे अपने भगवान पर विश्वास
कुछ मैं माँ की दुआओं का असर जानता हूँअनुज
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शायरी ,कविता, प्यार और कुछ जिंदगी
Поэзияकुछ कविताएँ कुछ शायरी ,कुछ जिंदगी की बातें ,जिनको पढकर आप अच्छा महसूस करेंगे
दुआ
न तो मैं दरवाजे पर कोई मिर्ची नींबू टांगता हूँ
न ही मैं बाजू में कोई गंड़ा तावीज बांधता हूँ
कुछ तो है मुझे अपने भगवान पर विश्वास
कुछ मैं माँ की दुआओं का असर जानता हूँअनुज