"कह दो"
कह दो, वो मेरे ख्वाबों में आया न करे
कह दो, वो मुझे मिलकर रुलाया न करेदर्द भरे शेर, वो नजरों से कह सकती है
कह दो, वो मुझसे नजरें मिलाया न करेहमारी दास्तां सुनेगा, उसे इश्क हो जायेगा
कह दो, वो गैरों को दास्तां सुनाया न करेवो इत्र लगाकर, खुदकी खुशबू खो देती है
कह दो, वो बदन की महक छुपाया न करेदबी हंसी से, पता चलता है छिपे दर्द का
कह दो, वो मुझे सुनकर मुस्कराया न करे
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शायरी ,कविता, प्यार और कुछ जिंदगी
Poetryकुछ कविताएँ कुछ शायरी ,कुछ जिंदगी की बातें ,जिनको पढकर आप अच्छा महसूस करेंगे