जिसका किया इंतजार वही मुझसे रूठ गयी,
जमाना कहता हैं दिल मेरा साफ,
लेकिन वो समझ नहींपायी,
मे समजा- समजा के थक गया,
लेकिन वो समजकर भी नहीं समजपायी,जमाना बेकरार तो क्यों उसको हे इंतजार,
मेरी एक गलती से वो रूठ गयी,
और मे देखता ही रह गया,
उसके नजरों से मैं गीर गया,
गोली से ज्यादा दर्दनाक मौत दे गया,में आंशिक नहीं, आवारा नहीं,
में दिवाना हूँ उसके मुस्कान का,
उसके नजरों से मैं निकल गया,
ना जाने कब लोटूंगा,
ना जाने कब वो मुझे माफ कर देगी..............