बच्चों का दोस्त (भाग -1 )

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   "बच्चो का दोस्त "
         

सत्य घटना पर आधारित,,,,,,,,,,,
        (राजस्थान )

   

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   यह एक सत्य घटना पर आधारित एक कहानी है,
इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष को  ढेस पहुंचाना नही है ,बल्कि आगामी पीढ़ियो को परिस्थितियोंनुसार ढलने एवं उनका सामना करने के लिये प्रेरित करती है।
      

   बच्चो का दोस्त 
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आज विद्यालय जाने के लिये मे जल्दी उठा,
जेसे -तेसे उठ तो गया मगर , ठंड की वजह से
स्नान करने मे थोडी दिक्कत आ ऱही थी ।
मेने जैसै तेसे  हडबडी मे स्नान किया और स्कुल के लिये रवाना हो गया।
स्कुल 8 किमी.  दुर था । जाने के दो तरीके थे
पहला साईकिल व दुसरा बस ।  इतनी ठंड मे साईकिल तो ले जा सकते नही नवंबर-दिसम्बर कि हाड कंपाने वाली ठंड जो थी।मेने दुसरा रास्ता सुना बस का ,,,
बस  सुबह 7.30बजे  आती है व स्कुल का समय 9.30  था। चलो अच्छा है देरी से जल्दी भली । मे आठ किमी. का सफर तय कर   8.30  पर स्कुल पहुंचा।
स्कुल मे अभी सिर्फ चपराची आये थे। मेने क्लास के आगे  बैग रखा । और मैदान मे धुप सेकने आ गया ।
एक घंटे बाद प्रार्थना हुई , सभी क्लास मे गये।
पहले के बाद दुसरा कालांश खत्म हुआ।
तभी अचानक बाहर मेने कुछ प्राइमरी के बच्चो की आवाज सुनी ।मेने विचार किया  higher secondary school मे प्राईमरी के बच्चे क्या लेने आये है,,,,?
सर से पुछा___
सर ये बच्चे,,, अ#,,#---;;;;
सर-  बेटा पुरुषोत्तम,
आज से हमारे प्रधानमंत्री जी ने स्कुल का एकिकरण किया है!
मै- सर मे समझा नही,,,,
सर- आज से ये बच्चे  उच्च माध्मिक विद्यालय के हिस्सा बन गये है ये  इसी स्कुल मे पढेंगे,,,,
आज से हमारा विद्यालय" आदर्श रा , उ,मा,विद्यालय हरजी"   के नाम से जाना जायेगा।
मे - ओह! अब समझा,,,,thank you sir.

फिर अगली सुबह प्रार्थना में  सर ने निर्देश दिये,,,,,
सर- आज से ये बच्चे आपके स्कुल का हिस्सा बन गये है , सीनियर स्टुडेंट्स होने के नाते आप ईनकी सहायता करेंग,  ईनकी पढाई संबंधी समस्या का हल निकालेंगे
      आशा करते है।
चलो अच्छी बात सिखने को मिली।

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⏰ Last updated: Dec 22, 2021 ⏰

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