यह कहानी एक मिलनसार , हसमुख व बाल प्रेमी युवक पुरुषोतम हंस की है जो बच्चो से स्नेह रखता है। वह बच्चो के कई एसे सराहनीय कार्य करता है जिससे लोग उसे बच्चो का दोस्त नाम देते है।
यह कहानी एक मिलनसार , हसमुख व बाल प्रेमी युवक पुरुषोतम हंस की है जो बच्चो से स्नेह रखता है। वह बच्चो के कई एसे सराहनीय कार्य करता है जिससे लोग उसे बच्चो का दोस्त नाम देते है।