तलाश है

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फिर अंधेरों में नए शफ़क की तलाश है
फिर नया दिन नए सफर की तलाश है

खुश्ब भरी फिजाओं में डूबना है फिर
फिर गुल की वादियों में अरक की तलाश है

गुस्ताखियों से मन भर गया फिर और फिर
फिर नए सलीके नए सबक की तलाश है टूटे

टूटे मकान के दरिचों से हम झांके कब तक
फिर नए दरिचे नए घर की तलाश है

जहरिले तीखे पख्त किरदार से परे
फिर किसी मासूम लहजे-लफ़ज़ की तलाश है

Quoted by-- Aria

तसव्वुर (Urdu Poetry)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें