@@@@@@
कि कैसी शिद्दत थी उनकी रुखस्ती में भी
हाय! हमें तो उनके चले जाने से भी मोहब्बत हो गईउनके ना करने का ढंग, उनके मना करने की अदा
हमें तो उनके मुकरने से भी मोहब्बत हो गईमहज आंखों से जलाने का तरीका अच्छा था उनका
हमें तो अब जलने से भी मोहब्बत हो गईक्या गजब का कहर ढाया है उन्होंने अपनी सादगी से
हमें तो उनके ना संवरने से भी मोहब्बत हो गईऔर जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर
जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गईQuoted by-- Aria
YOU ARE READING
तसव्वुर (Urdu Poetry)
Poetryकिस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इ...