आदम खुदा से...

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आदम खुदा से अपना हक मांगता है
बेजान सी जिंदगी में जरा सा अरक मांगता है

जन्नतजहन्नुम की खुदा जाने
कयामत से पहले बस शफक मांगता है

महरमहनुजूम से भरे इस कायनात में
जमीं पर एक अपना सा घर मांगता है

ना अंबर मांगता है ना समंदर मांगता है
जीने का सलीका ओ सबक मांगता है

अक्स-ए-क़लक़ मांगता है ना कयामत से पहले
अपने हक का गुल्सितान-ए-शफक मांगता है

Quoted by-- Aria

तसव्वुर (Urdu Poetry)Where stories live. Discover now