अकेला भाग-२

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मैं खुद के लिए इतना ख़ुदग़र्ज़ हो गया।
कि भरी भीड़ में भी मैं अकेला हो गया।।
उस भीड़ में मुझे जानने वाले तो बहुत थे।
मुझे अफसोस तो इस बात का रह गया कि मैं उस भीड़ में किसी को नहीं जानता था।।

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