Chapter : 3

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गगन को सबसे जायदा पसंद था बारिश में भीगना. कॉलेज के वक़्त ही कई बार बारिश में भीगी थी वो .घर से छतरी ले कर आती पर वो गोल कर के लपेटी हुई उसके हाथ में होती थी. वह हर लम्हे को ख़ुशी के साथ जीना चाहती थी और हर एक पल में सदियाँ जीने की ख्वाइश थी उसकी. आकाश को याद आया की कैसे एक बार जब सभी दोस्त आदित्य के बड़े भाई की शादी पर गए थे तो वहां से वापिस आने के समय बारिश शुरू हो गयी थी तो सब ने कहा की बारिश रुकने तक इंतज़ार करते है.

पर सिर्फ उसकी जिद्द थी की बारिश में ही वापिस जायेंगे . उसकी जिद्द के कारण ही सभी दोस्तों को बारिश में भीगना पड़ा था और सब के अच्छे अच्छे कपडे खराब हुए थे . बड़ी जिद्दी थी वो , पर सब की चहेती भी , चाहे कॉलेज के टीचर्स हो या फिर कैंटीन वाले रामजी दास और उनका परिवार . सब से ही मिल-जुल कर रहती और सब को एक प्यारी से मुस्कान के साथ बुलाती थी.

कॉलेज का आखिरी सेमेस्टर और कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए कंपनिया आने लगी थी . आकाश को अभी MBA करनी थी और नौकरी नही चाहिए थी . पर गगन को को जॉब ही करनी थी और उसकी किस्मत अच्छी थी की उससे एक बड़ी कंपनी में जॉब मिल गयी थी . ग्रेजुएशन की पढाई ख़तम होते ही गगन ने ऑफिस ज्वाइन किया और आकाश को पटिआला के एक बढिया कॉलेज में M.B.A में एडमिशन मिल गई .

गगन आकाश और बारिशWhere stories live. Discover now