✧डरो ना तुम, चलते चलो..

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यह हर उस इंसान के लिए है जो डरता,
जो डरता है,कुछ भी अच्छा काम करने से, जो डरता है अपने हक के लिए लड़ने से, हर उस लड़की के लिए.. हर उस लड़के के लिए हर किसी के लिए जो डरता है कि "समाज क्या कहेगा" उनके लिए कुछ पंक्तियां....

डरो ना तुम, चलते चलो.. डरो ना तुम चलते चलो.. बस एक बारी, हां ...बस एक बारी

शीशे में अपना चेहरा देख लो अपनी रूह से आंखों से आंखें मिलाओ और यह कह दो, एक बार कह दो

''ना ही समाज ना ही ज़माना

तय करेगा तुम्हारी लाज

ना हि ज़माना ना हि समाज

तय करेगा तुम्हारा आसमान

ना ही समाज ना ही जमाना

तय करेगा जो तुम्हारी मंज़िल

वह तुम ही हो जो खड़े रहोगे

अपने आप के लिए

कोई और नहीं होगा तुम्हारे साथ

होगे तुम ही अपने संग

तो चिंता ना करो, डरो ना तुम चलते चलो... डरो ना तुम चलते चलो... बस एक बारी हां... बस एक बारी शीशे में अपना चेहरा देख लो अपनी रूह से आंखों से आंखें मिलाओ और यह कह दो

बस एक बार कह दो....

- Crystal (क्रिस्टल)

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I hope you all will like my poetry.(आशा करती हु की आपको मेरी कविता पसंद आई हो ।)

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