3. लेमन मोजितो

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आरती ने यह सुन हनीत कि तरफ देखा और फिर स्ट्रॉ मुँह में लगाए कोल्डकॉफी पीने लगी। स्वाती ने आरती की बगल में बैठी विशाखा को इशारो में कहा कि यह लट्टू हो चुका है इसपे। विशाखा के दिमाग मे खुरापात सूजी, उसने स्वाती को इशारो में कहा क्यों ना इस बंदे की ली जाए।
"अरे आरती पिछले हफ्ते डेट पे गयी थी। तूने मुझे तो बताया, स्वाती को तो बताया ही नही।" विशाखा ने कहा।
"यार रेहन दे यार छोड़ "
" अरे बोलना आरती हमे भी तो पता चले डेट पे कैसे जाते है।" स्वाती ने कहा।
" चल ठीक है। वो ना... मेरे चाचीजी की बहन की भतीजी की शादी थी साकेत मे, तो वहीं मिला था वो। अभिनव, मतलब मेरा बॉयफ्रेंड "
इतना सुनते ही हनीत का दिल ढेर हो चुका था। जिसे अभी अभी चाहा उसके मुँह से यह सुनना कितना दर्द देह होता है और हनीत कि यह हालत देख स्वाती और विशाखा को मज़ा आ रहा था।
" तो फिर उसने एक दिन कहा के डेट-सेट पे चलते है। मैं क्याह ठीक है। गुची वाली ड्रेस डाले पहॉची में तो और वो भी मतलब पूरा,  यु नो वेरी वेरी हैंडसम। फिर वसंतकुंज के रेस्टोरेंट ले गया, मतलब घुसते ही ना पूरी कपलवाली वाइब आ रही थी। और AC, वो तो बहन में थी, टाइग्रेस। वरना तुम तो इतना कम टेम्प्रेचर सह ही न पाओ।"
"सही है।" स्वाति ने कहा।
आरती आगे बोली,
" हम बैठे फिर कहता कि ऑर्डर करो कुछ, मैं क्याह बंदा जेंटलमैन है। फिर मैंने मेनू खोल, सोचा पहले ड्रिंक्स ही तो ऑर्डर करते है, फिर देखा उसमे। मैं क्याह कुछ ज्यादा महँगा भी नही और सस्ता वी नही, ऐसा कुछ मंगाती हूँ। मैने वेटर से कहा दो लेमन मोहितो। "
" मोजितो बहन मोजितो ।" विशाखा ने सुधार करते हुए कहा।
" हाँ वही, तो वो लाया, रखा उसने। मैं क्याह ये क्या चुतियापा है। है? पूरे पूरे निम्बू कटे पड़े थे उसमे और उपर से हरी घासे डाली थी। और मेरा बंदा उसे पी भी रहा था। मुझे लगा होगा कुछ, मैने भी  पिया। भेनचो* बिना चीनी का निम्बू पानी था। मैंने वेटर को बुलाया, मैने कहा भाईसाहब आपके निम्बू शरबत की मशीनें खराब है। पूरे के पूरे नींबू आ गए है ग्लास मे और चटनी बनाने वाली पत्तियाँ भी डाली है आपने? है ?"

Struggling Thrills (स्ट्रगलिंग थ्रिल्स )Where stories live. Discover now