होगी नहीं दोस्ती प्यार में तब्दील
थी कुछ उनके बीच ऐसी डील
लेकिन होनी को तो था कुछ और ही मंजूर
क्योंकि दोनों का दिल अब था इश्क में चूर
एक दिन कह डाली दोनों ने अपने दिल की बात
अब दिल के बोल पकड़ने लगे थे अल्फाज़
कहा क्या रहना चाहोगी मेरे साथ
सिर्फ इस जन्म ही नहीं हर जन्म आओगी मेरे साथ
सिर्फ इतना बता दो
क्या जवाब है तुम्हारा
तुम ना भी कहोगी तो भी टूटेगा नहीं रिश्ता दोस्ती का हमारा