2.एक अंतिम सच

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चार लोग जिंदगी में कभी काम नहीं आएंगे
जिस दिन जिंदगी खत्म होगी
बस उस ही दिन चार लोग तुम्हें उठाएंगे
तुम्हारे शरीर को जलाकर,
बचे हुए अवशेषों को नदी में बहा आएंगे
बस उस एक दिन के लिए,
आप उन चार लोगों का बोझ जिंदगी भर उठाएंगे ।

पूरी जिंदगी लोग बस तुम्हारी बुराइयां ही दिखाएंगे
पर उस एक दिन थोड़ी अच्छाइयां भी गिनवाएंगे
लोग तुम्हें जिंदगी भर आजमाएंगे
बस उस एक दिन , तारीफ करके जाएंगे
कुछ तो रोने का भी नाटक करते हुए आएंगे
तो कुछ ,सच में अपने आंसू ना रोक पाएंगे
पूरी जिंदगी कभी हाल भी नहीं पूछा होगा जिन्होंने
उस दिन वह सब भी आएंगे
उस अंतिम दिन ,
तुम्हें शमशान भी बड़ा सजा कर लेकर जाएंगे

कुछ दिनों बाद,
सब अपने-अपने कामों में फिर से व्यस्त हो जाएंगे
तुम्हारा चेहरा , आवाज ,
अक्सर सब भूल जाएंगे
अगर कहीं तुम्हारा वहां तक का सफर सही रहा
तो ही तुम्हें कुछ लोग याद रख पाएंगे।
                                     ~पूनम शर्मा

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