• JoinedNovember 25, 2020

Following


Story by Adarsh Brahmachari
विडम्बना का जग  by AdarshBrahmachari
विडम्बना का जग
रीत मैं सेहमे, प्रीत के भय में । क्यों हम ना बहते, क्यों कुछ ना हम कहते । काल्पनिकता के चेते , क्यों आलोकिक्...
ranking #117 in poetry See all rankings