*बिल्कुल भी न घबराओ* दिल की धड़कन जब, साथ छोड़कर जाती जिन्दगी एक धक से, खत्म सी नजर आती इंसान का जिस्म, निढ़ाल होकर पड़ा रहता सुनता न कोई बात, और न ही कुछ कहता रूह चली जाती, जिस्म को पराया मानकर फिर कभी न आती, उसी जिस्म में लौटकर बुलावे भेजते रहो, मिन्नतें भी कर लो हजार सोया हुआ वो सख्श, न उठता एक भी बार बड़ी ही डरावनी लगती, मौत इसे हम कहते आती है सबको लेकिन, इससे ही हम डरते कीमत है जीवन की, मगर मरना भी जरूरी जब चाहे तब आने की, दे दो उसको मंजूरी मौत आई तो भी हमसे, क्या लेकर जाएगी वापस जन्म पाने से, हमें रोक न वो पाएगी जब तक है ये जीवन, खुशी से जीते जाओ मौत यदि आए तो, बिल्कुल भी न घबराओ *ॐ शांति* *मुकेश कुमार मोदी, बीकानेर, राजस्थान* *मोबाइल नम्बर 9460641092*