२ अक्टूबर के कारण कॉलेज में वक्तृत्व स्पर्धा ,
हम थे लास्टबेंचर , भाषण के नाम से जान पे आती थी।
पर कुछ नहीं कर सकते तो मै चटाई पर बैठे बैठे फालतू धंधे कर रहा था तभी एक मिठिसी आवाज आई,देखा तो एक लड़की स्पीच दे रही थी। ऑप्शन तो था नहीं करे क्या तो उसकी स्पीच सुनते बैठ गया। उसकी तरफ लगातार देख रहा था पागल जैसा कहो तो भी चलेगा।
उसका रंग गोरा ,आवाज मीठी, गुलाबी ओंठ,आंखे घारे,
बाल खुले छोड़े हुए थे, नाक सीधा और उसके ओंठ के नीचे एक तिल था, वह भी उस चेहरे पर सुंदर लग रहा था. सच कहूं तो मै देखते उसके प्यार में गिर गया था।
उसकी स्पीच ख़तम हुई । वह स्टेज से नीचे उतरी । मेरे दो लाइन साइड बैठी । मैंने उसे आवाज देकर कहा बहोत् अच्छी स्पीच दी आपने वह मीठी सी मुस्कुराई और thank you कहा। बस आगे क्या बोलूं ? सही बताऊं तो कुछ सूझ नहीं रहा था। फिर थोड़ा हसकर फिर से भाषण सुनने लगा। प्रोग्राम ख़तम हुआ मै घर गया। सोने की कोशिश कर रहा था पर उसकी मीठी मुस्कान , उसका चेहरा आंखो के सामने आ रहा था।उसकी हर बात याद आ रही थी । उसकी याद में मेरे चेहरे पर भी हसी आ गई। वो पूरी रात मै उसकी याद में सोया।.....
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मेरा पहला प्यार - my first love
Romanceकहानी जूनियर कॉलेज की है । सबका पहला प्यार चेहरे पर मीठी मुस्कान देके जाता है चाहे उसका अंत कैसे भी हो। ये कहानी तो काल्पनिक है , पर पुराने दिन तो याद आ ही जायेगे। कहते है पहले प्यार जिंदगी मै बहोत कुछ सिखाता है चलो देखते है ये कहानी आप को क्या सि...