जाने वह ना जाने किस बात से परेशान हैं,
दूर है मगर फिर भी वह मेरा गरेबान हैं!उनके होने का हमे इंतजार तो हैं जरूर,
क्या करे वक्त है कम वह मेरा शहंशाह हैं!दुनिया हैं दुश्मन और दोस्त हैं बेमतलब,
भूल जाते हम मगर पर वह हम पर मेहरबान हैं!साथ हमारा देता नही हैं अब कोई रिश्ता,
वह एक इस दुनिया में मोहब्बत की शान हैं!तेरी यादे......✍️✍️
निखिल मिश्रा
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