सीखा है हमने

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रुकना नहीं सीखा हमने मुसीबतों से थक कर, 
एक सुनहरे भविष्य की चाह हमने भी जताई है,
लोगो ने जो पत्थर फेके है
हमने उन्ही पर चल कर अपनी राह बनाई है!

कामयाबी नहीं मिली तो क्या,
अपनी हार से हमने सीखा बुहत है,
ज़माने को क्या बताये,
के हम क्या है,
अभी तो हमें खुद को जानना बुहत है!

गिरे है इतनी बार ज़मीन पर
के हर बार जब भी खड़े हुए
मन को पत्थर नहीं
खुद को खुद्दार बनाया है!

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⏰ Last updated: Jan 02, 2020 ⏰

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Alfazzzz....shayariWhere stories live. Discover now