जमीन से जुडा हू गालिब..
जमीन पे ही रेहना चाहता हूं....
कुरसीकी लालच में खुदको नही खोना चाहता..
जमीन से जुडा हू गालिब..
जमीन पे ही रेहना चाहता हूं....
असमान की बुलंदीयो को तो चुना चाहता हू..
पर जामीन पर ही रेहना चाहता हू..
जमिन से जुडा हू गालिब..
जमीन पे ही रेहना चाहता हूं....
चांद को पाने के खातीर..
अपने दिये की लॉ को खोना नाही चाहता....
जमिन से जुडा हू गालिब..
जमीन पे ही रेहना चाहता हूं....
अपने आप को बुलंदी पर पोहचणे की खातीर..
खुदको भुलना नही चाहता....
जमिन से जुडा हू गालिब..
जमीन पे ही रेहना चाहता हूं....