आश बाकी हैं

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कितना भी ले ले घड़ी घड़ी मेरा इम्तिहान तू क्या जाने  मुझ में
तेरी हर परीक्षा में सफल होने
का सामर्थ्य मुझ में बाकी है..
थका नहीं हूं अभी ,ऐ जिंदगी
अभी मुझ में जीने की आस बाकी है
   🐚🐚🐚🐚🐚🐚

वक्त बे वक्त  के थपेड़ों से गिरू मैं
इतना साहस है गिर गिर फिर उठूँ मैं,
थोड़ा रुक कर फिर संभल कर..
राह के पत्थर से बच निकल कर
मंजिल तक पहुंचने का चाह बाकी
तारीख लिख दूँ,मुझमे पुरुषार्थ बाकी है।।        🌸🌸🌸🌸

जीवन तो आसान नहीं किसी का,
तो मेरे साथ  हुया है नया क्या ,
ऐसे होंगे कई दुखियारे थके हारे
तकदीर के पासों के आगे वो बेचारे
रोशन कर सकूँ किसी का जहाँ, मैं
भूल कर अपने गमों को , ला सकूँ
किसी के चेहरे पर  खिली मुस्कान
अभी मुझमे जिन्दादिल इन्सान बाकीहै
खुश रहूँ ,खुश रखने का  अहसास बाकी है..हार को जीत मे बदलने की
अभी तक मुझमें जान बाकी हैं।



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