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मैं बेटी हूँ हिंदुस्तान की
Poetryक्यों ठुकराते हो आप हमको, मैं तो हूँ पहचान आपकी, यूँ कोख़ में क्यूँ हमे मार देते, मैं तो नन्ही सी हूँ जान आपकी, इस तरह से न काटो ज़रा हमको, दर्द समझो मुलायम खाल की, बता दो हमको क्यों सज़ा मिली, क़सूर क्या थी इस सन्तान की, शान बनती मैं भी हर दिन, मैं बे...